Adhunik Sanskrit Sahitya Ka Samagra Itihas (आधुनिक संस्कृत साहित्य का समग्र इतिहास)
₹1,600.00
Author | Radha Vallabh Tripathi |
Publisher | New Bharatiya Book Corporation |
Language | Sanskrit & Hindi |
Edition | 2023 |
ISBN | 978-81-8315-494-9 |
Pages | 852 |
Cover | Hard Cover |
Size | 14 x 2 x 22 (l x w x h) |
Weight | |
Item Code | NBBC0084 |
Other | Dispatched in 1-3 days |
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आधुनिक संस्कृत साहित्य का समग्र इतिहास (Adhunik Sanskrit Sahitya Ka Samagra Itihas) प्रस्तुत ग्रन्थ में विगत दो शताब्दियों में संस्कृत में विरचित नवीन साहित्य का विवेचन किया गया है। यह संस्कृत के सर्जनात्मक साहित्य की नवीन सम्भावनाओं का काल है। ललित निबन्ध, कथानिका (कहानी), गजल, हाइकू आदि अनेक नई विधाओं का समकालीन संस्कृत लेखन में आविर्भाव हुआ। संस्कृत साहित्य में सर्वाधिक नये प्रयोग भी इस काल में हुए। आधुनिक संस्कृत साहित्य की नई प्रवृत्तियों और उपलब्धियों के विशद विवेचन के साथ यहाँ उसकी सम्भावनाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्नीसवीं तथा बींसवीं शताब्दी के समस्त महत्त्वपूर्ण संस्कृत कवियों और उनकी कृतियों का परिचय दिया गया है। यथार्थवाद, व्यक्तिवाद का उदय, वैश्विक विचारधाराओं का प्रभाव तथा विषयों की नवीनता के संदर्भ में इस काल में संस्कृतसाहित्य की रचनायात्रा में आये नये पड़ावों की भी चर्चा की गई है।
अनूदित साहित्य तथा संस्कृतपत्रकारिता के विकास पर भी विचार किया गया है। श्रीश्वर विद्यालंकार, राजराज वर्मा, केरल वर्मा, गंगाधर शास्त्री, अन्नदाचरण तर्कचूडामणि, हरिदास सिद्धांतवागीश, पंडिता क्षमा राव, गलगलि रामाचार्य, हरिदत्त पालीवाल ‘निर्भय’, जीव न्यायतीर्थ, काशीनाथ द्विवेदी, श्रीधर भास्कर वर्णेकर, बच्चूलाल अवस्थी, नागार्जुन, जानकीवल्लभ शास्त्री, रामकरण शर्मा, रेवाप्रसाद द्विवेदी आदि शताधिक ऐसे महाकवि उन्नीसवीं और बीसवीं शती में हुए हैं, जो संस्कृत के शीर्षस्थ रचनाकारों में गणनार्ह हैं, तथा भारतीय साहित्य को भी इनका प्रदेय बहुमूल्य है। इनके साथ शताधिक ऐसे महाकवियों की चर्चा इस ग्रन्थ में की गई है, जो अज्ञात, अल्पज्ञात या उपेक्षित हैं, तथा जिनका साहित्यिक अवदान बहुमूल्य है।
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